उपभोक्ता मामलों की सेंट्रल गवर्नमेंट के अधिकारी निधि खरे ने कहा कि भारत के ICCP Authority ने ओला को तथाकथित शो कोज़ नोटिस दिया है,
क्योंकि गवर्मेन्ट को लास्ट 1साल के बीच विलंबित और बाइक सर्विस खामियुकत स्पेयर पार्ट्स सेवाओं और गलत चालान जैसे मुद्दों के बारे में 9000 से अधिक ग्राहक शिकायतें मिली हैं।
अधिकारियों ने बिजनेस टीवी को बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने भी ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ सेवा संबंधी मुद्दों के संबंध में दर्ज शिकायतों की जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों से संकेत मिलता है कि मंत्रालय इस सप्ताह कार्रवाई शुरू करेगा और उपभोक्ताओं द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए कंपनी से एक व्यापक रिपोर्ट मांगेगा।
ओला इलेक्ट्रिक के ई-स्कूटर के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। शिकायतों का सही तरीके से समाधान न कर पाना कंपनी के ग्राहकों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है।
इसलिए ग्राहक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का रुख कर रहे हैं। इन शिकायतों के मद्देनजर सीसीपीए ने भाविश अग्रवाल की ईवी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल और स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के बीच ट्विटर (पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर तीखी नोकझोंक हुई है।
ईवी स्टार्टअप को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) द्वारा कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। यह ऐसे समय में आया है जब ओला ने अपने सेवा केंद्रों के विस्तार के लिए आक्रामक योजनाओं की घोषणा की है।
3 अक्टूबर को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि ओला इलेक्ट्रिक “उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के कई प्रावधानों का उल्लंघन करती प्रतीत होती है।” इनमें सेवाओं में कमियां, भ्रामक विज्ञापन, अनुचित व्यापार व्यवहार और उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन शामिल हैं। ओला बाइक को २ सप्ताह के अंदर नोटिस का जवाब देना होगा।
इस घटना के बाद ओला का स्टॉक सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज पर इसके स्टॉक 7 फीसदी गिरकर 90.80 रुपये पर आ गए। इसका विवाद ओला बाइक के स्कूटरों से जुड़े बाइक में खराबी मुद्दों पर केंद्रित था।
टकराव तब शुरू हुआ जब कामरा ने ओला डीलरशिप की एक तस्वीर के साथ एक पोस्ट शेयर की, जिसमें बाहर खड़ी कई ओला स्कूटर धूल खा रही थीं उन्होंने कंस्यूमर मामलों के डिपार्टमेंट को भी इसमें शामिल किया और उनसे ‘कोई जवाब?’ के साथ इनपुट मांगे।
इसके अलावा, उन्होंने ओला इलेक्ट्रिक से संबंधित समस्याओं वाले किसी भी व्यक्ति को टिप्पणियों में अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
ग्राहकों को हो रही हैं ये परेशानियां, कंपनी नहीं सुन रही
कंपनी पर मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट वाले स्कूटर बेचने का भी आरोप है।
बुकिंग कैंसिल करने पर रिफंड देने में दिक्कतें पैदा कर रही है। इनमें सर्विस के बाद होने वाली दिक्कतें और बैटरी व पार्ट्स से जुड़ी शिकायतें शामिल हैं।
विभाग की सचिव निधि खरे ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सीसीपीए इस मामले की जांच कर रही है। हमें उम्मीद है कि कंपनी जल्द ही इन मुद्दों का समाधान करेगी।
ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर की असफलता के पीछे 3 मुख्य कारण हैं।आइए तीनों कारणों को एक-एक करके समझने की कोशिश करते हैं।
1) ओला ईवी स्कूटर की गुणवत्ता और विश्वसनीयता का मुद्दा
ओला स्कूटर की विफलता का पहला कारण गुणवत्ता और विश्वसनीयता का मुद्दा है। ओला स्कूटर की गुणवत्ता इतनी खराब है कि इसमें एक या दो नहीं बल्कि 36 तरह की समस्याएं हैं।
इनमें से ज्यादातर डिस्प्ले हैंग होना, सॉफ्टवेयर की समस्या, स्टार्टिंग की समस्या, ब्रेक जाम होना, फ्रंट फोर्क फेल होना, ऑटो स्पीड हाई होना और कभी-कभी स्कूटर फॉरवर्ड मोड में रिवर्स में चलने लगता है जैसी बार-बार होने वाली समस्याएं हैं।
यह साल 2020 ही था जब ओला ने इलेक्ट्रिक टू व्हीलर मार्केट में उतरने की घोषणा की और इसके लिए उन्होंने तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में 2400 करोड़ के निवेश से दुनिया का सबसे बड़ा टू व्हीलर मैन्युफैक्चर प्लांट लगाने का फैसला किया।
और फैक्ट्री का निर्माण कार्य फरवरी 2021 से शुरू होता है और अक्टूबर 2021 तक यानी सिर्फ 8 महीने में ओला की फैक्ट्री बनकर तैयार हो जाती है।
प्रोडक्शन रेडी होने से पहले ही ओला बाइक ने पंद्रह जुलाई 2021 से इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए ऑनलाइन बुकिंग ओपन कर दी और खास बात यह है कि दिन में एक लाख से ज्यादा लोगों ने ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर की बुकिंग कर दी।
इस बुकिंग की खास बात यह थी कि कोई भी व्यक्ति मात्र 499 रुपये जमा करके इस ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर को ऑनलाइन बुक कर सकता था। इसके दो महीने बाद यानी 15 अगस्त 2021 को इस दिन ओला ने भारत में अपना पहला इलेक्ट्रिक स्कूटर S1 और S1 Pro लॉन्च किया, S1 की कीमत 1 लाख रुपये और S1 Pro की कीमत 1 लाख 30 हजार रुपये थी।
2) खराब कस्टमर सपोर्ट
दूसरा कारण खराब कस्टमर सपोर्ट है, अगर किसी ग्राहक को ओला के स्कूटर में कोई दिक्कत आती है तो उनका कस्टमर सपोर्ट इतना खराब है कि स्कूटर महीनों तक सर्विस सेंटर में पड़ा रहता है।
शुरुआत में उनके पास कोई शोरूम सर्विस सेंटर नहीं था, जिसकी वजह से कंपनी ने स्कूटर को सीधे फैक्ट्री से घर तक डिलीवर करवाया। आज पूरे भारत में उनके करीब 500 सर्विस सेंटर हैं, लेकिन ग्राहकों की ज्यादा शिकायतों की वजह से सभी सर्विस सेंटर फुल हैं।
3) कमजोर मैनेजमेंट सिस्टम
अगला कारण जिसकी वजह से कंपनी संघर्ष कर रही है वो है कमजोर मैनेजमेंट सिस्टम। अब दोस्तों किसी भी कंपनी को चलाने के लिए कुशल मैनपावर और उचित सिस्टम की जरूरत होती है।
लेकिन ओला के मामले में उन्होंने सबकुछ इतनी जल्दी में किया कि उनके पास न तो उचित प्रबंधन है और न ही कंपनी चलाने के लिए कोई जिम्मेदार व्यक्ति, कई रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है कि कंपनी के अंदर बहुत ही जहरीली कार्य संस्कृति है, जिसकी वजह से पिछले कुछ सालों में ओला के टॉप लेवल के अधिकारी और कई प्रतिभाशाली लोगों ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया।
शिकायत कैसे करे?
तो आज के समय में दोस्तों अगर आप ओला का इलेक्ट्रिक स्कूटर इसलिए खरीदने की सोच रहे हैं क्योंकि यह सस्ता है और इसमें अच्छे फीचर्स हैं तो आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।
इसलिए सोच समझकर अपनी मेहनत की कमाई सही जगह पर निवेश करें। ओला स्कूटर के बारे में आपकी क्या राय है?
हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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Call Ola Electric Care at 080-33113311 for non-BSNL subscribers or 080-68964000
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